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स्वर रस -17-Dec-2021

Name Abhishek jain 

Insta @ajain_words 

स्वर रस

एहसासों से भर गया था मैं
जब लब मेरे खामोश हो गए
पर दिल मे शोर गूंज रहा था
      फिर एक रोशनी नजर आयी
      और मेरे एहसास स्वरों में बदल गए
      ये स्वर पन्नों को सजाने लग गए
बहने लगा मैं भी इस स्वर धारा में
जब इनके रस से सभी महकने लग गए
        इस धारा में था मेरा ही व्यक्तित्व
         जिसे लोग कविता का नाम देने लग गए
अनुभव जो मैं जी  ना सका
एहसास जो मैं बता ना सका
अल्फ़ाज़ जो लब से बोल ना सका
      स्वरों के सागर में डुबाकर जिन्हें
      रस धारा से अब मै तोलने लगा
हकीकत से परे जज्बातो को
अब मैं किताबो में समाने लगा
      तन्हा पन से  हम भी भीड़ के हो गए
      जब लोग इस स्वर रस को पीने लग गए
मेरे एहसास जो दफन थे दिल के शोर में 
खामोशी से अब वो दुसरो के कानों तक पहुँच गए
     देखते ही देखते जो टूटे दिल की फरियाद थी
     पल भर में पूरी होने लग गए ।

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3 Comments

Shrishti pandey

18-Dec-2021 09:15 AM

Nice one

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Swati chourasia

17-Dec-2021 11:57 PM

Very beautiful 👌

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Abhinav ji

17-Dec-2021 11:30 PM

Very nice

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